राजस्थान : लोक कलाएं
Q. 1. राजस्थान के कोटा और बाराँ जिले में बनाई जाने वाली 'चूंदड़ी' का कार्य ———— प्रकार का है |
(1) टाई एवं डाई ✔
(2) पॉटरी का निर्माण
(3) हाथ की कढ़ाई
(4) पेन्टिंग
Q. 2. रामदला-कृष्णदला की पड़ के वाचक हैं -
(1) भाट जाति के भोपे ✔
(2) कामड़ जाति के भोपे
(3) गूजर जाति के भोपे
(4) आयड़ी भोपे
Q. 3. रामदेवजी की पड़ का चित्रांकन सर्वप्रथम किसने किया ?
(1) चौथमल चितेरे ✔
(2) धूल जी चितेरे
(3) रामदीन चितेरे
(4) रामूजी चितेरे
Q. 4. राजस्थान में विवाह के अवसर पर लग्न मंडप के समय बनाया जाने वाला मांडणा है –
(1) चौकड़ी
(2) ताम ✔
(3) सातिये
(4) पगल्या
Q. 5. लोक कला मंडल कहाँ स्थित है ?
(1) जोधपुर में
(2) जयपुर में
(3) कोटा में
(4) उदयपुर में ✔
Q. 6. कावड़ का मूल उद्देश्य है –
(1) भक्तों को भगवद् गाथा सुनाना व दर्शन कराना ✔
(2) परम्परा को जीवित रखना
(3) (1) व (2) दोनों
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 7. रामदेवजी की पड़ के वाचक हैं –
(1) गूजर जाति के भोपे
(2) नायक भोपे
(3) भाट जाति के भोपे
(4) कामड़ जाति के भोपे ✔
Q. 8. सबसे पुरानी, सबसे अधिक चित्रांकन व सबसे लम्बी गाथा वाली पड़ है –
(1) देवनारायण जी की पड़ ✔
(2) पाबू जी की पड़
(3) रामदेवजी की पड़
(4) भैंसासुर की पड़
Q. 9. राजस्थान में बच्चे के जन्म के अवसर पर बनाया जाने वाला मांडणा है –
(1) पगल्या
(2) साट्या ✔
(3) ताम
(4) चौकड़ी
Q. 10. राजस्थान में कठपुतली प्रदर्शन किस मौसम में नहीं होता है ?
(1) वर्षा ✔
(2) सर्दी
(3) गर्मी
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 11. चलता - फिरता देवधर कहलाता है –
(1) मोरवण
(2) मोरण
(3) मोवण
(4) कावड़ ✔
Q. 12. देवनारायण जी की पड़ के वाचक हैं -
(1) भाट जाति के भोपे
(2) कामड़ जाति के भोपे
(3) गूजर जाति के भोपे ✔️
(4) आयड़ी भोपे
Q. 13. 'लीलगर' संबंधित है -
(1) रामदेव जी से
(2) देवनारायण जी से ✔️
(3) भैंसासुर से
(4) पाबूजी से
Q. 14. राजस्थान में पूजा-पाठ के अवसर पर बनाया जाने वाला मांडणा है -
(1) ताम
(2) सातिये
(3) पगल्या ✔️
(4) चौकड़ी
Q. 15. राजस्थान का कठपुतली नगर है -
(1) उदयपुर
(2) जयपुर ✔️
(3) कोटा
(4) चित्तौड़गढ़
Q. 16. मुख्यद्वार पर गाड़ा जाता है -
(1) मोरण
(2) मोवण ✔️
(3) तोरण
(4) कावड़
Q. 17. पाबूजी के पड़ के वाचक हैं -
(1) आयड़ी भोपे ✔
(2) गूजर भोपे
(3) कामड़ जाति के भोपे
(4) भाट जाति के भोपे
Q. 18. किस पड़ के चित्रांकन में 'सर्प' का चित्र होता है ?
(1) रामदेवजी की पड़
(2) देवनारायण जी की पड़ ✔
(3) पाबूजी की पड़
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 19. राजस्थान का प्रमुख मांडणा / मांडणे है / हैं -
(1) लक्ष्मी व गणेश के चित्र
(2) सातिए
(3) शंख
(4) उपर्युक्त सभी ✔
Q. 20. राजस्थान में कठपुतली बनाने का काम कहाँ होता है ?
(1) उदयपुर
(2) चित्तौड़गढ़
(3) जयपुर
(4) उपर्युक्त सभी ✔
Q. 21. राजस्थान का मोलेना गाँव किस हस्तकला के लिए प्रसिद्ध है ?
(1) टेरीकोटा ✔
(2) मीनाकारी
(3) ब्ल्यू पॉटरी
(4) थेवाकला
Q. 22. रामदास-कृष्णदला की पड़ का प्रमुख लोक वाद्य है -
(1) रावणहत्था
(2) सारंगी
(3) जंतर
(4) बिना किसी वाद्य के ✔
Q. 23. किस पड़ के मुख के सामने 'भाले' का चित्र होता है ?
(1) पाबूजी की पड़ ✔
(2) देवनारायण जी की पड़
(3) रामदेवजी की पड़
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 24. राजस्थान में किस अवसर पर मांडणे चित्रित किए जाते हैं ?
(1) त्यौहार पर
(2) धार्मिक अनुष्ठानों पर
(3) जन्म-परण-मरण पर
(4) उपर्युक्त सभी ✔
Q. 25. राजस्थान में कलात्मक काष्ठ रूपों के अंकन का बड़ा प्रसिद्ध केन्द्र रहा है -
(1) फागी
(2) बस्सी ✔
(3) शाहपुरा
(4) मोलेला
Q. 26. राजस्थान में तोरण बनाने का प्रसिद्ध केन्द्र है -
(1) जोधपुर
(2) भीलवाड़ा
(3) जयपुर ✔
(4) अलवर
Q. 27. रामदेवजी की पड़ का प्रमुख लोक वाद्य है -
(1) बिना किसी वाद्य के
(2) सारंगी
(3) रावणहत्था ✔
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 28. 'केसर कालमी' का संबंध है -
(1) पाबूजी से ✔
(2) रामदेव जी से
(3) देवनारायण जी से
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 29. मांडणे में किसकी भावना निहित होती है?
(1) लोक मंगल की ✔
(2) परम्परा की
(3) लोक-संस्कृति की
(4) उपर्युक्त सभी की
Q. 30. दाम्पत्य जीवन में सुख-शान्ति को अंकित करने वाला मांडणा है -
(1) चौकड़ी
(2) ताम ✔
(3) सातिये
(4) पगल्या
Q. 31. राजस्थान में नटों/भाटों का मुख्य स्थल है -
(1) मारवाड़ ✔
(2) हाड़ौती
(3) मेवात
(4) ब्रज
Q. 32. देवनारायण जी की पड़ का प्रमुख लोक वाद्य है -
(1) रावणहत्था
(2) जंतर ✔
(3) ढोलक
(4) सारंगी
Q. 33. मेड़ता क्षेत्र में बनाये जाने वाले मिट्टी के बड़े मटके को कहते हैं -
(1) मोण ✔
(2) भराड़ी
(3) हीड़
(4) वील
Q. 34. राजस्थान की सबसे लोकप्रिय पड़ है -
(1) रामदेवजी की पड़
(2) पाबूजी की पड़ ✔
(3) देवनारायण जी की पड़
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 35. राजस्थान में मांगलिक अवसरों पर महिलाओं द्वारा घर-आँगन को लीप-पोत कर ज्यामितीय अलंकरण बनाने को कहते हैं -
(1) अल्पना
(2) रंगोली
(3) मांडणा ✔
(4) साँझा
Q. 36. ग्रामीण महिलाएं भिन्न-भिन्न अाकारों में दरवाजों की चौखट के चारों तरफ कौनसा मांडणा बनाती है?
(1) ताम
(2) चौकड़ी
(3) सातिये ✔
(4) पगल्या
Q. 37. कठपुतली को नचाने वाले किस जाति के होते हैं -
(1) भाट ✔
(2) कामड़
(3) गूजर
(4) आयड़
Q. 38. विवाह व अन्य मांगलिक अवसरों पर कुंकुम, अक्षत, चावल आदि रखने हेतु प्रयुक्त लकड़ी का पात्र कहलाता है -
(1) बाजोट
(2) चोपड़ा ✔
(3) बेवाण
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 39. विभिन्न देवी-देवताओं के कागज पर बने बड़े चित्र कहलाते हैं -
(1) पड़
(2) पाने ✔
(3) पिछवाइयाँ
(4) मांडणा
Q. 40. राजस्थान के ग्रामीण अंचलों में अनाज संग्रह हेतु प्रयुक्त मिट्टी के कलात्मक पात्र को कहते हैं -
(1) सोहरियाँ
(2) कोठियाँ ✔
(3) हीड़
(4) वील
Q. 41. राजस्थान के ग्रामीण अंचलों में भोजन सामग्री रखने हेतु प्रयुक्त मिट्टी के कलात्मक पात्र को कहते हैं -
(1) सोहरियाँ ✔
(2) कोठियाँ
(3) हीड़
(4) वील
☑
Q. 1. राजस्थान के कोटा और बाराँ जिले में बनाई जाने वाली 'चूंदड़ी' का कार्य ———— प्रकार का है |
(1) टाई एवं डाई ✔
(2) पॉटरी का निर्माण
(3) हाथ की कढ़ाई
(4) पेन्टिंग
Q. 2. रामदला-कृष्णदला की पड़ के वाचक हैं -
(1) भाट जाति के भोपे ✔
(2) कामड़ जाति के भोपे
(3) गूजर जाति के भोपे
(4) आयड़ी भोपे
Q. 3. रामदेवजी की पड़ का चित्रांकन सर्वप्रथम किसने किया ?
(1) चौथमल चितेरे ✔
(2) धूल जी चितेरे
(3) रामदीन चितेरे
(4) रामूजी चितेरे
Q. 4. राजस्थान में विवाह के अवसर पर लग्न मंडप के समय बनाया जाने वाला मांडणा है –
(1) चौकड़ी
(2) ताम ✔
(3) सातिये
(4) पगल्या
Q. 5. लोक कला मंडल कहाँ स्थित है ?
(1) जोधपुर में
(2) जयपुर में
(3) कोटा में
(4) उदयपुर में ✔
Q. 6. कावड़ का मूल उद्देश्य है –
(1) भक्तों को भगवद् गाथा सुनाना व दर्शन कराना ✔
(2) परम्परा को जीवित रखना
(3) (1) व (2) दोनों
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 7. रामदेवजी की पड़ के वाचक हैं –
(1) गूजर जाति के भोपे
(2) नायक भोपे
(3) भाट जाति के भोपे
(4) कामड़ जाति के भोपे ✔
Q. 8. सबसे पुरानी, सबसे अधिक चित्रांकन व सबसे लम्बी गाथा वाली पड़ है –
(1) देवनारायण जी की पड़ ✔
(2) पाबू जी की पड़
(3) रामदेवजी की पड़
(4) भैंसासुर की पड़
Q. 9. राजस्थान में बच्चे के जन्म के अवसर पर बनाया जाने वाला मांडणा है –
(1) पगल्या
(2) साट्या ✔
(3) ताम
(4) चौकड़ी
Q. 10. राजस्थान में कठपुतली प्रदर्शन किस मौसम में नहीं होता है ?
(1) वर्षा ✔
(2) सर्दी
(3) गर्मी
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 11. चलता - फिरता देवधर कहलाता है –
(1) मोरवण
(2) मोरण
(3) मोवण
(4) कावड़ ✔
Q. 12. देवनारायण जी की पड़ के वाचक हैं -
(1) भाट जाति के भोपे
(2) कामड़ जाति के भोपे
(3) गूजर जाति के भोपे ✔️
(4) आयड़ी भोपे
Q. 13. 'लीलगर' संबंधित है -
(1) रामदेव जी से
(2) देवनारायण जी से ✔️
(3) भैंसासुर से
(4) पाबूजी से
Q. 14. राजस्थान में पूजा-पाठ के अवसर पर बनाया जाने वाला मांडणा है -
(1) ताम
(2) सातिये
(3) पगल्या ✔️
(4) चौकड़ी
Q. 15. राजस्थान का कठपुतली नगर है -
(1) उदयपुर
(2) जयपुर ✔️
(3) कोटा
(4) चित्तौड़गढ़
Q. 16. मुख्यद्वार पर गाड़ा जाता है -
(1) मोरण
(2) मोवण ✔️
(3) तोरण
(4) कावड़
Q. 17. पाबूजी के पड़ के वाचक हैं -
(1) आयड़ी भोपे ✔
(2) गूजर भोपे
(3) कामड़ जाति के भोपे
(4) भाट जाति के भोपे
Q. 18. किस पड़ के चित्रांकन में 'सर्प' का चित्र होता है ?
(1) रामदेवजी की पड़
(2) देवनारायण जी की पड़ ✔
(3) पाबूजी की पड़
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 19. राजस्थान का प्रमुख मांडणा / मांडणे है / हैं -
(1) लक्ष्मी व गणेश के चित्र
(2) सातिए
(3) शंख
(4) उपर्युक्त सभी ✔
Q. 20. राजस्थान में कठपुतली बनाने का काम कहाँ होता है ?
(1) उदयपुर
(2) चित्तौड़गढ़
(3) जयपुर
(4) उपर्युक्त सभी ✔
Q. 21. राजस्थान का मोलेना गाँव किस हस्तकला के लिए प्रसिद्ध है ?
(1) टेरीकोटा ✔
(2) मीनाकारी
(3) ब्ल्यू पॉटरी
(4) थेवाकला
Q. 22. रामदास-कृष्णदला की पड़ का प्रमुख लोक वाद्य है -
(1) रावणहत्था
(2) सारंगी
(3) जंतर
(4) बिना किसी वाद्य के ✔
Q. 23. किस पड़ के मुख के सामने 'भाले' का चित्र होता है ?
(1) पाबूजी की पड़ ✔
(2) देवनारायण जी की पड़
(3) रामदेवजी की पड़
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 24. राजस्थान में किस अवसर पर मांडणे चित्रित किए जाते हैं ?
(1) त्यौहार पर
(2) धार्मिक अनुष्ठानों पर
(3) जन्म-परण-मरण पर
(4) उपर्युक्त सभी ✔
Q. 25. राजस्थान में कलात्मक काष्ठ रूपों के अंकन का बड़ा प्रसिद्ध केन्द्र रहा है -
(1) फागी
(2) बस्सी ✔
(3) शाहपुरा
(4) मोलेला
Q. 26. राजस्थान में तोरण बनाने का प्रसिद्ध केन्द्र है -
(1) जोधपुर
(2) भीलवाड़ा
(3) जयपुर ✔
(4) अलवर
Q. 27. रामदेवजी की पड़ का प्रमुख लोक वाद्य है -
(1) बिना किसी वाद्य के
(2) सारंगी
(3) रावणहत्था ✔
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 28. 'केसर कालमी' का संबंध है -
(1) पाबूजी से ✔
(2) रामदेव जी से
(3) देवनारायण जी से
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 29. मांडणे में किसकी भावना निहित होती है?
(1) लोक मंगल की ✔
(2) परम्परा की
(3) लोक-संस्कृति की
(4) उपर्युक्त सभी की
Q. 30. दाम्पत्य जीवन में सुख-शान्ति को अंकित करने वाला मांडणा है -
(1) चौकड़ी
(2) ताम ✔
(3) सातिये
(4) पगल्या
Q. 31. राजस्थान में नटों/भाटों का मुख्य स्थल है -
(1) मारवाड़ ✔
(2) हाड़ौती
(3) मेवात
(4) ब्रज
Q. 32. देवनारायण जी की पड़ का प्रमुख लोक वाद्य है -
(1) रावणहत्था
(2) जंतर ✔
(3) ढोलक
(4) सारंगी
Q. 33. मेड़ता क्षेत्र में बनाये जाने वाले मिट्टी के बड़े मटके को कहते हैं -
(1) मोण ✔
(2) भराड़ी
(3) हीड़
(4) वील
Q. 34. राजस्थान की सबसे लोकप्रिय पड़ है -
(1) रामदेवजी की पड़
(2) पाबूजी की पड़ ✔
(3) देवनारायण जी की पड़
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 35. राजस्थान में मांगलिक अवसरों पर महिलाओं द्वारा घर-आँगन को लीप-पोत कर ज्यामितीय अलंकरण बनाने को कहते हैं -
(1) अल्पना
(2) रंगोली
(3) मांडणा ✔
(4) साँझा
Q. 36. ग्रामीण महिलाएं भिन्न-भिन्न अाकारों में दरवाजों की चौखट के चारों तरफ कौनसा मांडणा बनाती है?
(1) ताम
(2) चौकड़ी
(3) सातिये ✔
(4) पगल्या
Q. 37. कठपुतली को नचाने वाले किस जाति के होते हैं -
(1) भाट ✔
(2) कामड़
(3) गूजर
(4) आयड़
Q. 38. विवाह व अन्य मांगलिक अवसरों पर कुंकुम, अक्षत, चावल आदि रखने हेतु प्रयुक्त लकड़ी का पात्र कहलाता है -
(1) बाजोट
(2) चोपड़ा ✔
(3) बेवाण
(4) इनमें से कोई नहीं
Q. 39. विभिन्न देवी-देवताओं के कागज पर बने बड़े चित्र कहलाते हैं -
(1) पड़
(2) पाने ✔
(3) पिछवाइयाँ
(4) मांडणा
Q. 40. राजस्थान के ग्रामीण अंचलों में अनाज संग्रह हेतु प्रयुक्त मिट्टी के कलात्मक पात्र को कहते हैं -
(1) सोहरियाँ
(2) कोठियाँ ✔
(3) हीड़
(4) वील
Q. 41. राजस्थान के ग्रामीण अंचलों में भोजन सामग्री रखने हेतु प्रयुक्त मिट्टी के कलात्मक पात्र को कहते हैं -
(1) सोहरियाँ ✔
(2) कोठियाँ
(3) हीड़
(4) वील
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